बुजुर्ग के साथ सड़क किनारे ही पांव फैलाकर बैठ गया IAS अधिकारी, वजह जान सब कर रहे हैं तारीफ़

बहुत कम लोग ऐसे होते हैं जो सफलता पाने के साथ-साथ जमीन और सादगी से भी जुड़े होते हैं। ऐसे लोग कहीं मिल भी जाए तो इनके प्रति इज्जत और भी बढ़ जाती हैं। सादगी से भरी एक ऐसी ही तस्वीर सोशल मीडिया पर बड़ी तेजी से वायरल हो रही है और लोग इस तस्वीर को खूब पसंद कर रहे हैं।

दरअसल यह तस्वीर आईएएस अधिकारी रमेश घोलप की है जो सड़क किनारे ही एक बुजुर्ग किसान के साथ बैठे हुए हैं और ठहाके मारकर हंस रहे हैं। तस्वीरों में उनकी सादगी साफ झलक रही है, वहीं बुजुर्ग भी बिना किसी झिझक के अधिकारी के साथ बातचीत कर रहे हैं।

तस्वीर में आप देख सकते हैं कि रमेश घोलप अपनी इनोवा कार से बाहर निकलते हैं और एक सड़क किनारे बुजुर्गों के साथ जमीन पर बैठकर ही बात करने लगते हैं। इस दौरान आईएएस अधिकारी के साथ उनके बॉडीगार्ड भी होते हैं लेकिन वह कार में ही बैठे रहते हैं और बुजुर्ग और उनके बीच के इस नजारे को देखते रहते हैं।

इस खूबसूरत तस्वीर को आईएएस अधिकारी रमेश घोलप ने ही सोशल मीडिया पर शेयर किया है। उन्होंने इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा कि, “तजुर्बा है मेरा मिट्टी की पकड़ मजबूत होती है। संगमरमर पर तो हमने पांव फिसलते देखे हैं।”

बता दें, आईएएस अधिकारी रमेश घोलप की इस तस्वीर को खूब पसंद किया जा रहा है और लोग अलग-अलग कमेंट कर उनकी खूब तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि, ‘ऐसी सादगी देखी नहीं।’ तो वहीं एक यूजर ने लिखा है कि, ‘सादगी से बड़ी कोई खूबसूरती नहीं।’

इसके अलावा एक यूजर ने लिखा कि, ‘यह दृश्य देखकर खुशी मिली’ तो वहीं एक यूजर ने लिखा कि, ‘आपकी सोच को दिल से प्रणाम।’ साथ ही एक यूजर ने लिखा कि, ‘ऐसी सादगी अब कम ही देखने को मिलती है।’ इसके अलावा भी कई लोगों ने कमेंट कर उनकी तारीफ की और लोग उनकी सादगी के फैन हो गए हैं। रमेश घोलप की इस तस्वीर को अभी तक दो हजार से ज्यादा लाइक और 170 से अधिक रिट्वीट मिल चुके हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, रमेश घोलप महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के वारसी तहसील के महागांव के रहने वाले हैं। वह काफी गरीब परिवार से थे। उनकी आर्थिक स्थिति इतनी बुरी थी कि उनके पिताजी साइकिल रिपेयरिंग की दुकान पर काम करते थे। ऐसे में रमेश घोलप ने ही अपने परिवार को संभाला और साथ ही पढ़ाई भी जारी रखी।

बता दें, रमेश घोलप ने साल 2010 में यूपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन इसमें वह सफल नहीं हो पाए। इसके बाद साल 2011 में उन्होंने एक बार फिर कोशिश की और इस बार उनके हाथ सफलता लग गई। उन्होंने साल 2011 में ऑल इंडिया 287 रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की और IAS अधिकारी बन गए।

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