पुरानी शिवपुरी के गुरुद्वारे के पास रहने वाले मुरारीलाल कुशवाह चाय बेचकर अपना घर चलाते हैं. मुरारीलाल को शराब पीने की लत थी. मुरारीलाल की 8 साल की बेटी, प्रियंका ने पिता से मोबाइल फ़ोन दिलाने की ज़िद की. मुरारीलाल ने बेटी से कहा कि मोबाइल फ़ोन ख़रीदने के पैसे नहीं है.
प्रियंका ने अपने पिता से शराब छोड़ने की और उन पैसों से मोबाईल फ़ोन ख़रीदने की गुज़ारिश की. पिता ने बेटी की बात मान ली और शराब छोड़ दी. बेटी की बात का मुरारीलाल पर गहरा असर पड़ा. उसने पैसे बचाए, मोबाइल फ़ोन ख़रीदा और बच्चों को बग्घी में बैठाकर, धूम-धाम से ‘मोबाइल बारात’ निकालकर मोबाइल घर ले आए.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, मुरारीलाल का कहना है कि उनकी 8 साल की बेटी, प्रियंका और दोनों बेटे, राम और श्याम मोबाइल फ़ोन की ज़िद कर रहे थे. बेटी और बेटों की ख़ुशी के लिए मुरारीलाल ने न सिर्फ़ शराब की आदत छोड़ी बल्कि फ़ोन भी ख़रीद लिया.
मोबाइल ख़रीदने के बाद बैंड-बाजा, बग्घी-घोड़ी और पटाखों के साथ मुरारीलाल और नाचते-गाते हुए मोबाइल फ़ोन को घर ले आए. मुरारीलाल की ‘मोबाइल बारात’ शहरभर मे चर्चा का विषय बनी हुई है.