अलीगढ़; कहते हैं उड़ान सिर्फ़ पंखों से नहीं होती, उसके लिए हौसलों में भी जान होनी चाहिए। ये बात बिल्कुल सच है। जब भी हम कोई सपना देखते हैं तो उसके लिए हमें एक नई राह पर चलना पड़ता है। नई राह पर चलने के लिए बहुत सी परेशानियाँ भी आती हैं। लोगों से बहुत कुछ सुनने को भी मिलता है। पर जो इस रास्ते पर पूरे हौसले और निर्भीकता के साथ चलता रहता है अतत: कामयाबी उसे ही मिलती है।
आज भी हम आपको एक ऐसे ही शख़्स की कहानी बताने जा रहे हैं। जिसके सपने तो बहुत बड़े थे, पर जेब में चवन्नी भी नहीं थी। ऐसे में उन सपनों को पूरा होते देखना उसके लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। लेकिन वह शक्स भी चट्टान की तरह कठिनाइयों के आगे डट कर खड़ा हो गया। आइए जानते हैं कौन है वह शख्स और क्या थे उसके सपने।
नाम है आमिर कुतुब (Amir Qutub)
आमिर कुतुब (Amir Qutub) उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ (Aligarh) के रहने वाले हैं। परिवार बेहद साधारण और मध्यवर्गीय है, ऐसे में कभी भी कोई अलग रास्ता अपनाना संभव नहीं हुआ। लेकिन आमिर के पिता चाहते थे कि बेटा पढ़कर लिखकर कोई बड़ा अफसर बने, ताकि उनका नाम ऊंचा हो सके। लेकिन आमिर का पढ़ाई लिखाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था। बारहवीं पास करने के बाद आमिर ने पास के ही एक कॉलेज में बीटेक (B.tech) में प्रवेश ले लिया। लेकिन पढ़ाई के प्रति उनका रवैया देखकर एक बार तो उनके टीचर ने भी उन्हें यहाँ तक कह दिया कि तुम पूरे जीवन भर कुछ नहीं कर पाओगे। सिवाय बर्बाद होने के।